एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के करीब 26 करोड़ लोगों के साथ 50 वर्ष से कम उम्र के करीब एक करोड़ गंभीर बीमार लोगों की पहचान की गई है। ये ऐसे लोग हैं जिनको जान का खतरा है। सरकार इन्हें भी कोरोना वैक्सीन लगवाने में प्राथमिकता देगी। हालांकि इन्हें वैक्सीन मुफ्त लगेगी या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
प्राइस कैप लग सकता है
- संभव है कि मार्च तक कोविशील्ड और कोवैक्सीन के अलावा कुछ और कंपनियाें की वैक्सीन भी बड़ी मात्रा में बाजार में उपलब्ध हो जाए।
- मार्च तक कंपनियों को वैक्सीन की मार्केटिंग का अधिकार मिलना संभव। इससे खुले बाजार में वैक्सीन बेचने का रास्ता साफ हो जाएगा।
- सरकार तय करेगी कि निजी क्षेत्र में टीका कहां लगवा सकते हैं। इससे टीका लगवाने और लगाने वालों का डेटा सरकार के पास रहेगा।
- जरूरत पड़ने पर केंद्र निजी क्षेत्र में वैक्सीनेशन की प्राइस कैप कर सकती है।
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