बर्ड प्लू की आशंका को लेकर केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया पर लोगों को आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि देश के कुछ जगहों पर बर्ड फ्लू से ज्यादातर प्रवासी और जंगली पक्षियों के मरने की रिपोर्ट आई है। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। राज्यों को सतर्क कर हर संभव मदद की जा रही है। फिर भी लोगों से अपील है कि मीट और अंडों को पूरी तरह से पकाकर खाएं।
बिहार में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर भास्कर ने एनिमल एंड फिशरीज रिसोर्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर विनोद कुमार से बात की। उन्होंने बताया कि यह बीमारी ज्यादातर माइग्रेटेड (प्रवासी) बर्ड से बाकी पक्षियों में फैलती है। बिहार में इस तरह के मामले अब तक नहीं मिले हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि मीट या अंडे ठीक से पका कर खाएं। इन्हें 70 डिग्री से. पर गर्म करने से वायरस खत्म हो जाते हैं।
इधर, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि 10 दिन पहले बर्ड फ्लू को लेकर केंद्र से निर्देश आया था। इसको लेकर हम सभी अलर्ट हैं। पटना जू से भी बर्ड फ्लू का कोई मामला अब तक नहीं आया है। लेकिन पूरी सावधानी बरती जा रही है।
पिछले वर्ष बर्ड फ्लू की वजह से पटना जू में कई पक्षियों सहित कुछ मोरों की भी मौत हो गई थी। इसलिए जू को काफी सेंसिटिव माना जाता है। पटना के सचिवालय तालाब में माइग्रेटेड बर्ड अच्छी संख्या में आ रहे हैं। इसलिए राजधानी में यह जगह भी सेंसेटिव है। इंडियन बर्ड कंजर्वेशन नेटवर्क के स्टेट को-ऑर्डिनेटर अरविंद मिश्रा कहते हैं कि जमुई के नाजी नक्ती, बेलाटांड, देवन आहर, तौल बाजन और भागलपुर के जगतपुर झील में हाल में ही सर्वे किया गया है पर बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है। बेगूसराय की कांवर झील में भी कोई मामला अभी नहीं है।
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