बिहार के गृह सचिव आमिर सुबहानी और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने गुरुवार को बिहार में 7 दिन के लिए कोरोना को लेकर सख्ती की पूरी गाइडलाइन नए सिरे से जारी की। चुनाव प्रचार से मतगणना तक भारी भीड़ पर शांत रही सरकार अब कोरोना को लेकर एक्टिव मोड में है और इसी के तहत मंगलवार से वाहन चालकों के लिए मास्क और दूरी को अनिवार्य करने के बाद अब नदीं में स्नान को लेकर भी बड़ा बयान जारी किया है।
नदी को लेकर गृह सचिव ने कहा कि स्नान के लिए भीड़ जुटने से कोरोना संक्रमण का दोहरा खतरा है। पानी के साथ हवा में भी कोरोना के वायरस यहां तेजी से फैल सकते हैं। इसलिए आने वाले समय में लोग गंगा स्नान जैसी परम्पराओं से दूरी बनाए रखें।
प्रमुख दिशा निर्देश, जो 3 दिसंबर तक सख्ती से होंगे लागू
- शादी समारोह में कैटरिंग स्टाफ समेत 100 लोग ही होंगे शामिल।
- किसी भी आयोजन में हरेक चेहरे पर मास्क की अनिवार्यता रहेगी।
- समारोह स्थल पर सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए सैनिटाइजर रखना होगा।
- सड़क पर बैंड बाजा डीजे के साथ डांस नहीं कर सकते, सिर्फ विवाह स्थल पर बजेगा बैंड
- श्राद्ध कर्म में अधिकतम 25 लोग होंगे शामिल।
- कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान को लेकर जिला प्रशासन, नागरिक संगठन, वार्ड पार्षद के साथ समन्वय बनाकर करना होगा जागरूक।
- भीड़ के समय पानी और हवा में संक्रमण का खतरा हो सकता है, इसलिए जिला प्रशासन लोगों को जागरूक करेगा।
- कार्तिक स्नान के लिए 60 वर्ष से ऊपर के लोग घाट पर नहीं आए।
- गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बुखार ग्रस्त व्यक्ति कोविड के मरीज घाट पर नहीं आए।
- जहां कोविड की पॉजिटिव रिपोर्ट 10 फीसदी से अधिक है, जिसमें पटना भी है, इसी के साथ जहां ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे उनमें बेगूसराय, जमुई, वैशाली, पश्चिम चंपारण और सारण के सरकारी कार्यालयों में प्रतिदिन 50 फीसदी कर्मी ही आएंगे।
- पटना जिला के अंदर बसों में लोग सीटों की संख्या से आधे ही सवार होंगे।
- गुरुवार को जारी गाइडलाइन की समीक्षा एक सप्ताह बाद की जाएगी।
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