लखनऊ. कानपुर में बर्ड फ्लू (Bird Flu) का पहला मामला सामने आने के बाद यूपी में सतर्कता बढ़ गई है। राज्य सरकार ने बर्ड फ्लू के के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश को नियंत्रित क्षेत्र घोषित कर दिया है। साथ ही राज्य में जीवित पक्षियों के आयात पर रोक लगा दी गई है। यूपी के सीमा से सटे राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और पड़ोसी हिमाचल प्रदेश में एवियन इनफ्लूएंजा (Avian Influenza) के संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश को नियंत्रित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। यह प्रतिबंध 24 जनवरी तक लागू रहेगा।
होगी कार्रवाई
राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में यह भी साफ किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति इस बीच दूसरे राज्य से यूपी में पक्षी लेकर आता है व नियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर कार्रवाई होगी।
कौवों, कबूतर के साथ चमगादड़ उल्लू की भी मौत
प्रदेश में कौवे-कबूतरों के साथ चमगादड़ और उल्लू की भी मौत हो रही है। कानपुर में सोमवार को नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 74 पक्षी मरे मिले। शहर में 51 कौवे और 9 कबूतर मृत मिले। जबकि बिल्हौर, चौबेपुर, भीतरगांव में भी पक्षी मरे। पशु विभाग की टीमों ने उनको अपने कब्जे में लिया। देर शाम रैंडम सैंपल के आधार पर जांच के लिए 4 कौवे, 2 कबूतरों के सैंपल बरेली भेजे गए हैं। बाकी को जला दिया गया। मंधना के संडीला स्थित एक मंदिर परिसर में उल्लू और रावतपुर स्थित गीतानगर क्रासिंग पर एक चमगादड़ मृत मिला।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आर पी मिश्र ने कहा कि शहर भर में मृत पक्षी मिले हैं। सूचना मिलते ही पशु विभाग की टीम पहुंचकर उन्हें अपने कब्जे में ले रही है और संबंधित जगह पर दवा का छिड़काव भी करा रही है। टीम पूरी तरह से सतर्क है।
विदेशी पक्षियों पर भी नजर
यूपी सरकार ने दूसरे राज्य से पक्षियों को आयात पर रोक लगा दी है। हालांकि, इससे पहले कानपुर चिड़ियाघर में सर्दियों के मौसम में अलग-अलग देशों से आए कई प्रजातियों के झील पक्षी क्षेत्र में रह रहे हैं। इन पर भी नजर रखी जा रही है। जांघिल, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट, ऊलीनेक, आइबिस प्रजाति के करीब 500 पक्षी चिड़ियाघर पहुंचे हैं। इन सभी के मल का सैंपल लेकर जांच के लिए बरेली भेजा गया है।उपनिदेशक ए के सिंह ने कहा कि फिलहाल विदेशी पक्षियों में किसी तरह का कोई खतरा नहीं दिखा है।
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