शेरघाटी बस स्टैंड के समीप जीटी रोड से सटाकर ऑटो का पड़ाव बना दिया गया है। किन्तु इस तरह से ऑटो की पार्किंग कई मौतों का कारण बन चुकी है। इसके कारण अब तक दर्जन भर जानें जा चुकी हैं। इसके बावजूद न तो इस पर अधिकारियों के द्वारा कोई ठोस कार्रवाई की गई और न ही ऑटो वालों की मनमानी कम हुई। नतीजतन स्थिति वही पुरानी बनी हुई है और लोगों की जान इसके कारण दांव पर लगी रहती है। वैसे बता दें कि यह सब पिछले कई वर्षों से चल रहा है।
ऑटो चालक सवारी के लिए जान बूझकर अपने वाहन को जीटी रोड से ठीक सटाकर लगाते हैं। इससे ऑटो पर बैठने वाले सवार या जीटी रोड के पास से गुजरने वाले लोगों को सड़क पर दौड़ने वाले बड़े वाहनों का शिकार होना पड़ता है और वे मौत के मुंह में समा जाते हैं। नगर पंचायत के अधिकारियों की लाख पहल पर भी ऑटो चालक उसे हल्के में लेते आए हैं, जिसके कारण आज तक कोई सुधार नहीं हो पाई है। नगर पंचायत की कार्रवाई को नकार कर मनमानी का सिलसिला जारी है।
कार्रवाई करने पर राजनीतिक लोगों का फोन आना हो जाता है शुरू: थानाध्यक्ष
जीटी रोड पर बने टेम्पू पड़ाव को लेकर शेरघाटी थाना के थानेदार अरविंद कुमार कहते है, राजनीतिक हस्तक्षेप सबसे बड़ी बाधा है। कई बार कुछ टेम्पू को पकड़ कर उनसे जुर्माना वसूला गया। वे बताते हैं कि जब टेम्पू को जब्त कर कारवाई करते है, तो कुछ राजनीतिक लोगों का फोन आना शुरू हो जाता है। यही कारण है कि ऑटो चालकों की मनमानी जारी है।
एक पड़ाव के लिए जगह नहीं मिला: ऑटो चालक
टेम्पू चालकों की मांग है, कि उनका पड़ाव एक निश्चित जगह पर किया जाए। टेम्पू का पड़ाव नहीं रहने की वजह से जीटी रोड पर लगाना पड़ता है। यदि उनकी मांगों को पूरा कर दिया जाता तो यह नौबत नहीं आती।
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