मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार सुबह अचानक पटना के सरदार पटेल भवन पहुंच गए। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद CM दूसरी बार बिहार पुलिस के मुख्यालय पहुंचे हैं। नीतीश कुमार का यह कार्यक्रम पूर्वनिर्धारित नहीं था। उनके साथ DGP एसके सिंघल भी मौजूद हैं। नए साल में पहली बार CM लॉ एंड आर्डर पर पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
एक महीने में दूसरी बार मुख्यालय पहुंचे CM
माना जा रहा है कि सूबे की कानून-व्यवस्था के बिगड़े हालात से नीतीश बेहद नाराज हैं। इसी वजह से सरकार बनने के बाद दूसरी बार आज खुद बिहार पुलिस मुख्यालय पहुंचकर मीटिंग कर कर रहे हैं। हालांकि इस भवन में नीतीश चौथी बार पहुंचे थे। इससे पहले एक बार भवन निर्माण के वक्त और दूसरी बार इसके उद्घाटन के वक्त आये थे, जबकि तीसरी बार नई सरकार बनने के बाद पहुंचे थे। हालांकि, बिहार विधान सभा चुनाव के बाद कानून व्यवस्था को लेकर भी CM नीतीश की यह चौथी बैठक है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के बाद 28 नवंबर को पहली और 12 दिसंबर को दूसरी और 23 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय पहुंच कर तीसरी बैठक की थी।
विपक्ष लगातार करती रही है हमला
बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमला कर रही है। राजद ने सोशल मीडिया पर ‘अपराध सरेआम, जनता त्राहिमाम’ के नाम से जनहित में संदेश जारी किया है। इधर, कांग्रेस ने भी पिछले दिनों कहा था कि नीतीश कुमार के राज में अपराध में बेतहाशा वृद्धि हुई है। अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है।
पिछले माह मुख्यालय ने जारी किये थे अपराध के आंकड़े
दिसंबर के पहले सप्ताह में पुलिस मुख्यालय ने 2020 का क्राइम रिकॉर्ड जारी किया था। इसमें जनवरी से सितंबर तक के आंकड़ों का औसत और अक्टूबर 2020 के अपराध के आंकड़े अलग से जारी किए गए थे। जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल पिछले 9 महीने यानी जनवरी से सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में संज्ञेय अपराध में 3.12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जनवरी से सितंबर तक कुल संज्ञेय अपराध 21,419 हुए जबकि अक्टूबर 2020 में 22,068 केस दर्ज हुए। संगीन अपराधों में हत्या, डकैती, लूट, दंगा, रेप, रोड डकैती और लूट में तो कमी आई थी लेकिन जनवरी से सितंबर के मुकाबले अपहरण और फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है।
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