भागलपुर सदर अस्पताल में वैक्सीनेशन के ड्राई रन के दौरान लापरवाही बरती गई। लिस्ट में शामिल 25 लोगों में से 18 लोग ही आ पाए। वैक्सीन का मॉक ड्रिल करने आए कई लोगों ने बताया कि उन्हें कोई मैसेज नहीं किया गया। कुछ को डेमो के दिन डाटा ऑपरेटर के द्वारा कॉल करके बुलाया गया। सबसे बड़ी बात यह कि डेमो में शामिल लोगों का वेरिफिकेशन होना था, लेकिन कई लोगों के पास ID प्रूफ नहीं थे। पूछने पर कुछ लोगों ने बताया कि वे अस्पताल के ही स्टाफ हैं, उन्हें डेमो देने में कोई परेशानी नहीं होगी।
नाम किसी और का, बुलाया किसी और को
सदर अस्पताल की लिस्ट में 25 नाम थे, लेकिन इनमें से 18 लोग ही आए थे। बाकी 7 लोग जो नहीं आए, उनकी जगह किसी और को बुला लिया गया। ऐसे लोगों में महिला सफाईकर्मी के अलावा एक दूसरी महिला भी शामिल थी। इन दोनों के पास भी कोई ID नहीं था। भोजन करने आए कई लोगों ने बताया कि उन्हें कोई मैसेज नहीं किया गया। किसी को कल शाम में तो किसी को आज सुबह में फोन करके बुलाया गया।
DM के जाने के बाद सब चलते बने
जिला पदाधिकारी के जाने के बाद CS,ACMO और DPM भी चलते बने। इसके बाद कोरोना वैक्सीनेशन के ड्राई रन को औने-पौने में कर के सारा काम खत्म कर लिया गया। वैक्सीन का डेमो सदर अस्पताल, कटघर स्थित PHC और एक निजी क्लीनिक में हुआ। सदर अस्पताल में पहला डेमो लोम हर्षिणी मिश्रा नाम की महिला का हुआ।
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